h       एक मंदिर के सौंदर्यीकरण की लागत का विवरण इस प्रकार है :       7वे पाटोत्सव समारोह का आयोजन भव्य कलश यात्रा एवं कुलदेवी माताओं की महाआरती के साथ सम्पन्न        गणेश जी के पंचामृत एवं दुग्धाभिषेक के लिये सन 2012 के आगामी पुष्य नक्षत्र       खण्डेला धाम पर पाटोत्सव समारोह की सभी तैयारियां पूर्ण        धाम पर होने वाले आगामी उत्सव एवं समारोह        खण्डेलवाल वैश्य समाज के निर्माणाधीन तीर्थस्थान खण्डेला –धाम पर नवरात्रा महोत्सव का आयोजन 23 मार्च से 1 अप्रेल 2012 तक       खण्डेला-धाम पर आँखों की जाँच एवं नि:शुल्क लैंस प्रत्यारोपण शिविर सम्पन्न       धाम पर कॉमन सुविधाओं एवं प्याऊ का निर्माण पूर्ण : -       लाँन का सौन्दर्यीकरण प्रारम्भ :       बड़ा मल्टी परपज हाल बनवाने की योजना : -       बाउंड्री वाल का निर्माण :-       मंदिरों का सौन्दर्यीकरण : -       डोरमैट्री ,किचन,डाइनिंग हाल व स्वागत कक्ष का निर्माण शीघ्र प्रारम्भ :-       एक मन्दिर के सौन्दर्यीकरण की लागत का विवरण इस प्रकार है :-       श्री बलराम पशु-पक्षी सेवा समिति,दौसा द्वारा पक्षी चुग्गा वितरण       श्री माखद माता के द्वितीय पाटोत्सव कार्यक्रम का आयोजन       श्री कपासन माता का 19वां पाटोत्सव कार्यक्रम 6 व 7 फरवरी 2012 को       श्री रमेश बडाया,खण्डेलवाल युवक संघ,मुंबई के अध्यक्ष निर्वाचित       श्री पन्नालाल जी गुप्ता का खण्डेला-धाम पर अनुकरणीय सहयोग       गणेश जी के पंचामृत एवं दुग्धाभिषेक के लिए सन् 2012 के आगामी पुष्य नक्षत्र             खण्डेलवाल वैश्य समाज के निर्माणधीन तीर्थस्थान “खंडेला धाम” पर सहस्त्र मोदक यज्ञ 6 दिसम्बर से ट्रस्ट कि अखिल भारतीय कार्यकारिणी कि मीटिंग एवं अन्नकूट प्रसादी का भव्य आयोजन सम्पन्न       पत्रिका के आजीवन सदस्य बनें       धाम पर किये जाने वाले निर्माण के लिये नियत सहयोग राशि (01-05-2008) से संशोधित       पुष्य नक्षत्र के अवसर पर भगवान गणेश जी के दुग्धाभिषेक के दिनांक /तिथियाँ       अपनी कुल देवी या गणेश जी या भैरव को आजीवन भोग लगावे        आजीवन एक बार 2100 रूपये देकर               आवश्यकता       श्री खण्डेलवाल वैश्य समाज समिति टोंक फाटक क्षेत्र के युवा एवं महिला मंडल के चुनाव सम्पन्न       घोषनाऐ       गतिविधिया        विधान        हमारे गुरु        गौत्र        खण्डेला धाम का इतिहास       खण्डेलवाल वैश्य समाज के निर्माणधीन तीर्थस्थान खण्डेला धाम पर पर पाटोत्सव कि सभी तैयारियां पूर्ण       जयपुर से विशेष बसे लगाईं जायेगी: -         उद्यान का उदघाट्न : -         पाटोत्सव के अवसर पर धाम को रोशनी से सजाया जायेगा |         अतिथि गृह मे कमरे पूर्व मे ही बुक करवाएं : -         नवरात्रा महोत्सव 4 अप्रैल 2011 से : -         नवान्ह परायण के पाठ :-         श्री माखद माता जीर्णोद्धार समिति,जयपुर द्वारा माखद माता मंदिर प्रबंधन प्रन्यास का गठन         श्री गिरधारी लाल खण्डेलवाल ,राडा के सचिव बने         खण्डेलवाल युवक संघ,भरतपुर द्वारा आयोजित लोकार्पण समारोह एवं बसंतोत्सव सम्पन्न         धाम पर किये जाने वाले निर्माण के लिये नियत सहयोग राशि (01-05-2008) से संशोधित         निम्नानुसार सदस्यता राशि           श्री खण्डेलवाल तीर्थस्थान ट्रस्ट के आजीवन ट्रस्टी : एक परिचय         अपनी कुल देवी या गणेश जी या भैरव को आजीवन भोग लगावे : आजीवन एक बार 2100 रूपये देकर          
      h       एक मंदिर के सौंदर्यीकरण की लागत का विवरण इस प्रकार है :       7वे पाटोत्सव समारोह का आयोजन भव्य कलश यात्रा एवं कुलदेवी माताओं की महाआरती के साथ सम्पन्न        गणेश जी के पंचामृत एवं दुग्धाभिषेक के लिये सन 2012 के आगामी पुष्य नक्षत्र       खण्डेला धाम पर पाटोत्सव समारोह की सभी तैयारियां पूर्ण        धाम पर होने वाले आगामी उत्सव एवं समारोह        खण्डेलवाल वैश्य समाज के निर्माणाधीन तीर्थस्थान खण्डेला –धाम पर नवरात्रा महोत्सव का आयोजन 23 मार्च से 1 अप्रेल 2012 तक       खण्डेला-धाम पर आँखों की जाँच एवं नि:शुल्क लैंस प्रत्यारोपण शिविर सम्पन्न       धाम पर कॉमन सुविधाओं एवं प्याऊ का निर्माण पूर्ण : -       लाँन का सौन्दर्यीकरण प्रारम्भ :       बड़ा मल्टी परपज हाल बनवाने की योजना : -       बाउंड्री वाल का निर्माण :-       मंदिरों का सौन्दर्यीकरण : -       डोरमैट्री ,किचन,डाइनिंग हाल व स्वागत कक्ष का निर्माण शीघ्र प्रारम्भ :-       एक मन्दिर के सौन्दर्यीकरण की लागत का विवरण इस प्रकार है :-       श्री बलराम पशु-पक्षी सेवा समिति,दौसा द्वारा पक्षी चुग्गा वितरण       श्री माखद माता के द्वितीय पाटोत्सव कार्यक्रम का आयोजन       श्री कपासन माता का 19वां पाटोत्सव कार्यक्रम 6 व 7 फरवरी 2012 को       श्री रमेश बडाया,खण्डेलवाल युवक संघ,मुंबई के अध्यक्ष निर्वाचित       श्री पन्नालाल जी गुप्ता का खण्डेला-धाम पर अनुकरणीय सहयोग       गणेश जी के पंचामृत एवं दुग्धाभिषेक के लिए सन् 2012 के आगामी पुष्य नक्षत्र             खण्डेलवाल वैश्य समाज के निर्माणधीन तीर्थस्थान “खंडेला धाम” पर सहस्त्र मोदक यज्ञ 6 दिसम्बर से ट्रस्ट कि अखिल भारतीय कार्यकारिणी कि मीटिंग एवं अन्नकूट प्रसादी का भव्य आयोजन सम्पन्न       पत्रिका के आजीवन सदस्य बनें       धाम पर किये जाने वाले निर्माण के लिये नियत सहयोग राशि (01-05-2008) से संशोधित       पुष्य नक्षत्र के अवसर पर भगवान गणेश जी के दुग्धाभिषेक के दिनांक /तिथियाँ       अपनी कुल देवी या गणेश जी या भैरव को आजीवन भोग लगावे        आजीवन एक बार 2100 रूपये देकर               आवश्यकता       श्री खण्डेलवाल वैश्य समाज समिति टोंक फाटक क्षेत्र के युवा एवं महिला मंडल के चुनाव सम्पन्न       घोषनाऐ       गतिविधिया        विधान        हमारे गुरु        गौत्र        खण्डेला धाम का इतिहास       खण्डेलवाल वैश्य समाज के निर्माणधीन तीर्थस्थान खण्डेला धाम पर पर पाटोत्सव कि सभी तैयारियां पूर्ण       जयपुर से विशेष बसे लगाईं जायेगी: -         उद्यान का उदघाट्न : -         पाटोत्सव के अवसर पर धाम को रोशनी से सजाया जायेगा |         अतिथि गृह मे कमरे पूर्व मे ही बुक करवाएं : -         नवरात्रा महोत्सव 4 अप्रैल 2011 से : -         नवान्ह परायण के पाठ :-         श्री माखद माता जीर्णोद्धार समिति,जयपुर द्वारा माखद माता मंदिर प्रबंधन प्रन्यास का गठन         श्री गिरधारी लाल खण्डेलवाल ,राडा के सचिव बने         खण्डेलवाल युवक संघ,भरतपुर द्वारा आयोजित लोकार्पण समारोह एवं बसंतोत्सव सम्पन्न         धाम पर किये जाने वाले निर्माण के लिये नियत सहयोग राशि (01-05-2008) से संशोधित         निम्नानुसार सदस्यता राशि           श्री खण्डेलवाल तीर्थस्थान ट्रस्ट के आजीवन ट्रस्टी : एक परिचय         अपनी कुल देवी या गणेश जी या भैरव को आजीवन भोग लगावे : आजीवन एक बार 2100 रूपये देकर          

 गौत्र

 
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2011-12-13

 गौत्र का महत्व : गौत्र किसी समाज की उन प्रव्रतियों व मानव जीवन और समाज के समूह रूप व्यापार स्थान के परिचालक है। जिनसे समाज के उस समूह का बोध होता है । यद्यपि कालान्तर मे कमाज की के साथ- साथ इसके रूप देने के लिऐ गौत्र एक सूत्र का काम करता है। और आजकल तो यह भी प्रथा प्रचालित हो गई कि व्यक्ति अपने नाम के आगे अपना उपनाम का उल्लेख भी करते है। अपने-अपने गौत्रों की कुल माताऐं अलग-अलग होती है। जिनके पूजन का बच्चे के जन्म से विवाह तक बहुत महत्व होता है। हमारे 72 गौत्रों में 37 भिन्न-भिन्न माताऐं है। जिनमे जीणमाता 13 गौत्रों की सुखण्ड अ भभूरो 7-7 गौत्रों में पूजक है। हर साल अश्रिवन की नवरात्रि मे अष्टमी के दिन इन देवियों का प्रेत्यक घर मे पूजन का विद्यान है। इसके अतिरिक्त यद्यति मुण्डन भी कुल देवी के समक्ष ही होने का विधान हैं। लेकिन दुरी व बदलती हुई परिस्थितियों के कारण आजकल इसका कठिनता से पालन होना सम्भव नहीं रहा है। फिर भी इस देवियों का पूजन बडी श्रद्वा व पवित्रता से किया जाता ह। धार्मिक कत्यों मे इसका सबसे अधिक ध्यान रखा जाता है। विवाह मानव के जीवन का सबसे महत्पूर्ण संस्कार ह। तथा इस संस्कार के लिये भी गौत्र का बहुत महत्वपूर्ण है। बच्चे व बच्ची का विवाह उनके परिवार के गौत्र टालकर ही करने का विधान है। जब गौत्रों का प्रचलन अधिक नही था। उस समय पिण्डत चलते है।

 

  खण्डेवाल वैश्यों के गौत्र और माताएँ (देवियाँ)

क्र.सं.

गौत्र

माता (देवी)

1

अटोरिया,(अटोरिया)

सुरंड

2

आकड

तिली देहड

3

आमेरिया

आमिन

4

ओढ

नावड.

5

कट्टा

आंतन

6

कठोरिया

भंवर कंठन

7

काइथवार(कायथवाल)

जीन

8

काठ

मित्तर

9

कासलीवार

जीन

10

किलकिलिया

नन्दभगोनो

11

कूलवार(कूलवाल)

सुरंड

12

केदावत

नावड

13

कोडिया (गोरेवाल)

कनकस

14

खारवाल

जीन

15

खूंटेटा

कुपासल

16

गोंद्राजिया 

सुरंड

17

घीया

बमूरी

18

जसोरिया

बमूरी

19

जघींनिया

सुरंड

20

झालानी

धावड

21

टटार

जीन

22

ठाकुरिया

बमूरी

23

डंगायच

सिकराय

24

डाँस

बिनजिल

25

तमोलिया

जीन

26

ताम्बी

नागिन

27

तेाडकर(टोडवाल)

आंतन

28

दुसाद

जीन

29

धामानी 

स्ंतलवास

30

धोकरिया

डावरि

31

नारायणवार

बमूरी

32

नाटानी 

जीन

33

नैनामा

कुरसंड

34

नैनीवार

आंतन

35

पचलौरा

स्रुरंड

36

पगूवाल

मडेर

37

पाटोदिया

जीन

38

पीतलिया

बडवासिन

39

फरसोइया

बमूरी

40

बटवारा

समगरा

41

बडाइया

सिरसा

42

बुडवारिया

नागिन

43

वूसर

सिरसा

44

भंडारिया

जीन

45

भांगला(महता)

सेतलबांस

46

भुकमारिया

अरामिन

47

महरवाल

चांवड

48

माठा

बतवीर

49

मनिक बोहरा

सारंगदे

50

मामोडिया

सुरंड

51

माली

सिरसा

52

मँगोलिया

अमवासन

53

मांचीवाल

सार

54

मेठी

अभरल

55

राजोरिया

सेतलवास

56

रावत

औरल

57

लाभी

जीन

58

वैद

माखद

59

साखोरिया

जीन

60

सामरिया

चावड

61

साहरिया

जीन

62

सिरोहिया

समगरा

63

संगोदिया

चावड

64

सेठी(सोनी)

माखद

65

सौंखिया

कुरसड

66

हल्दिया

सुरंड

67

बनाउडी

सार

68

बम्ब

सावरदे

69

बजरगान

कौलाइन

70

बावरिया

सिरसा

71

बीमवार

गीमवासनी

72

बढहरा

जमबाघ

     
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